Homecurrent affairsनई शिक्षा नीति 2020 | new National education Policy in hindi

नई शिक्षा नीति 2020 | new National education Policy in hindi

नई शिक्षा नीति 2020: जानें कैसे बदल रही है भारत की शिक्षा प्रणाली, स्कूल से लेकर उच्च शिक्षा और डिजिटल लर्निंग तक।

नई शिक्षा नीति से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण तथ्य जो ssc , railway, आदि exam में पूछे जा सकते है या पूछे जा चुके है । दीये जा रहे | यह लेख “नई शिक्षा नीति 2020” पर आधारित है, जो भारत की शिक्षा प्रणाली में क्रांतिकारी बदलाव लाने के उद्देश्य से बनाई गई है। इसमें स्कूली शिक्षा की नई 5+3+3+4 संरचना, प्रारंभिक बाल शिक्षा (ECCE), बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मकता, उच्च शिक्षा में बहु-विषयक दृष्टिकोण, अनुसंधान को प्रोत्साहन, और राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (NRF) की स्थापना जैसी पहल शामिल हैं। इसके अलावा शिक्षक प्रशिक्षण, व्यावसायिक शिक्षा, डिजिटल लर्निंग, वयस्क शिक्षा और नीति के प्रभावी कार्यान्वयन पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। यह पोस्ट शिक्षा नीति के हर पहलू को संक्षेप में समझाने का प्रयास करती है, जिससे पाठकों को भारत की नई शिक्षा दिशा का स्पष्ट और सारगर्भित अवलोकन मिल सके।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 क्या है

जून , 2017 में पूर्व ईसरो प्रमुख के. कस्तुरिरंगन की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया था । जो मई 2019 को नई शिक्षा नीति का मसौदा तैयार किया था ।

नई शिक्षा नीति लागू करने वाला प्रथम राज्य हिमाचल प्रदेश है ।

नई शिक्षा नीति 2020 के अध्यक्ष कौन है

नई शिक्षा नीति 2020 29 जुलाई 2020 को उस समय के मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक द्वारा लाया गया । जिसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 कहलाता है । जो 1996 में लागू की गई शिक्षा नीति की जगह लेगी ।

यहां कुछ प्रमुख सदस्यों की सूची दी गई है जिन्होंने नीति तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई:

कैलाश सत्यार्थीनोबेल शांति पुरस्कार विजेता
अनीता अनंतकृष्णनपूर्व शिक्षा सचिव
विनोद खोसलाउद्यमी और परोपकारी व्यक्ति
दीप भटनागरउद्यमी

शिक्षा नीति 2020 में कितने भाग हैं

भाग संख्याशीर्षकविवरण
भाग 1स्कूल शिक्षानई 5+3+3+4 संरचना, ECCE, बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मकता, समग्र शिक्षा पर जोर
भाग 2उच्च शिक्षाबहु-विषयक शिक्षा, अनुसंधान को बढ़ावा, राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (NRF) की स्थापना
भाग 3अन्य प्रमुख क्षेत्रशिक्षक प्रशिक्षण, व्यावसायिक शिक्षा, डिजिटल लर्निंग, वयस्क शिक्षा
भाग 4कार्यान्वयनरणनीतियाँ, समय-सीमा, समन्वय तंत्र, राज्य और केंद्र सरकारों की भूमिका

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 किस पर बल देती है

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 समग्र, समावेशी, और लचीली शिक्षा पर बल देती है, जो बुनियादी साक्षरता, संख्यात्मकता, और 21वीं सदी के कौशल को बढ़ावा देती है। यह 5+3+3+4 स्कूली ढांचे, बहु-विषयक उच्च शिक्षा, और प्रौद्योगिकी के उपयोग के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और भाषाओं को संरक्षित करते हुए वैश्विक प्रतिस्पर्धा पर जोर देती है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की विशेषताएं

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:

  • नई स्कूली संरचना (5+3+3+4): पारंपरिक 10+2 के स्थान पर आयु-आधारित शिक्षा ढांचा, जिसमें प्रारंभिक बचपन देखभाल (ECCE), प्राथमिक, मध्य और माध्यमिक स्तर शामिल हैं।
  • बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मकता: तीसरी कक्षा तक सभी बच्चों में पढ़ने-लिखने और गणित की मूलभूत समझ सुनिश्चित करना।
  • बहु-विषयक और समग्र शिक्षा: रचनात्मकता, आलोचनात्मक चिंतन, और जीवन कौशल को बढ़ावा देने के लिए लचीला पाठ्यक्रम और विषयों का एकीकरण।
  • भारतीय भाषाओं का संवर्धन: मातृभाषा/स्थानीय भाषा में प्रारंभिक शिक्षा पर जोर, साथ ही त्रि-भाषा नीति को लागू करना।
  • उच्च शिक्षा में सुधार: बहु-विषयक विश्वविद्यालय, लचीले डिग्री प्रोग्राम (3/4 वर्ष), और राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (NRF) की स्थापना।
  • प्रौद्योगिकी का उपयोग: डिजिटल लर्निंग, ऑनलाइन शिक्षा, और राष्ट्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी मंच (NETF) के माध्यम से तकनीकी एकीकरण।
  • शिक्षक प्रशिक्षण और विकास: शिक्षकों के लिए निरंतर व्यावसायिक विकास और 4-वर्षीय एकीकृत बी.एड. प्रोग्राम।
  • समावेशी और समान शिक्षा: लिंग, सामाजिक-आर्थिक स्थिति, और विशेष आवश्यकताओं वाले बच्चों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करना।
  • आकलन में सुधार: रटने के बजाय योग्यता-आधारित मूल्यांकन और बोर्ड परीक्षाओं में लचीलापन।
  • व्यावसायिक और वयस्क शिक्षा: कौशल विकास और आजीवन सीखने को बढ़ावा देना।

ये विशेषताएँ NEP 2020 को एक परिवर्तनकारी नीति बनाती हैं, जो शिक्षा को समग्र, समावेशी और भविष्योन्मुखी बनाती है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के मुख्य बिंदु

नई शिक्षा नीति की घोषणा29 जुलाई 2020
मंत्रालय द्वारा घोषितमानव संसाधन मंत्रालय
( नया नाम – शिक्षा मंत्रालय )
घोषित करने वाले मंत्री का नामरमेश पोखरियाल निशंक
शैक्षिक मॉडल5+3+3+4
National education policy 2020 in hindi

भारत मे कब कब शिक्षा नीति आई है ?

  • पहली राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1968 में इंदिरा गांधी की सरकार में आई थी । जिसका सुझाव कोठारी आयौग ने दिया था ।
  • दूसरी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 में राजीव गांधी के प्रधानमंत्री काल मे आया था । जिसके तहत शिक्षा के 10 +2+3 मॉडल को अपनाया गया । इसी समय ऑपेरशन ब्लैकबोर्ड की शुरुआत की गई थी ।
  • 1992 में पी. वी. नरसिंह राव ने दूसरी शिक्षा नीति में संसोधन किया था ।
  • नई शिक्षा नीति 2020 के तहत वर्ष 2030 तक स्कूली शिक्षा में 100% जीईआर (Gross enrolment Ratio ) के साथ माध्यमिक स्तर पर ‘एजुकेशन फ़ॉर ऑल ‘ का लक्ष्य रखा गया है ।

वर्त्तमान में जीडीपी का 4.43% खर्च कर रहे है लेकिन नई शिक्षा नीति के अनुसार जीडीपी का 6% खर्च करने का लक्ष्य रखा गया है ।

उच्च कक्षा में जीईआर (Gross Enrolment Ratio ) वर्ष 2035 तक 50% करने का लक्ष्य रखा गया है ।
उच्च शिक्षा में 3.5 करोड़ नई सीटे जोड़ी जायेगी ।

छात्रों के प्रगति के मूल्यांक के लिए मानक निर्धारक निकाय के रूप में परख (PARAKH) नामक एक नए राष्ट्रीय आकलन केंद्र की स्थापना की जाएगी ।

2030 तक 3-18 आयु वर्ष के सभी बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को प्रदान करना है ।

वर्तमान में चल रहे सभी बोर्ड (UGC, AICTC, NCTE ) सभी को मिलकर एक कर दिया जायेगा जिसे higher education Commission of India कहा जायेगा ।

मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया है ।

नई शिक्षा नीति 2020 लागू होने से क्या कुछ बदल जायेगा उस पर एक नजर

नई शिक्षा नीति के तहत वर्तमान में सक्रिय 10+2 के शैक्षिक मॉडल के स्थान पर 5 +3+3+4 मॉडल लागू किया जायेगा ।
नई शिक्षा नीति के अनुसार पहले पाँच साल की पढ़ाई को फाउंडेशन स्टेज मानी जायेगी । जिसमें प्री- प्राइमरी स्कूल के 3 साल और पहले , दूसरी कक्षा के दो साल शामिल होंगे । अगले 3 साल का स्टेज कक्षा 3 से 5 तक की होगी । उसके बाद 3 साल का मिडिल स्टेज यानी कक्षा 6 से 8 तक की होगी । अंतिम 4 साल का स्टेज कक्षा 9 से 12वीं तक की होगी ।

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में 9वीं कक्षा से ही विषय चुनने की आजादी होगी ।
शिक्षण के माध्यम में 5वीं कक्षा तक मातृभाषा, स्थानीय या क्षेत्रीय भाषा का इस्तेमाल किया जाएग ।

6ठी कक्षा से वोकेशनल कोर्स शुरू किए जाएगे ।
शोध करने वाले छात्र के लिए स्नात्तक डीग्री की अवधि को 4 वर्ष कर दिया गया है ।
स्नातक पाठ्यक्रम के छात्र 3 या 4 वर्ष के स्नातक कार्यक्रम में कई स्तरों पर पाठ्यक्रम छोड़ सकेगें । पहले वर्ष में छोड़ने पर प्रमाण पत्र , दूसरे वर्ष छोड़ने पर डिप्लोमा, तीसरे वर्ष छोड़ने पर डिग्री एवं चौथे वर्ष में कोर्स छोड़ने पर शोध के साथ स्नातक का प्रावधान है ।

नई शिक्षा नीति में M. Phill कोर्स को समाप्त कर दिया गया है । इसमें कहा गया है कि चार साल के स्नातक डिग्री के बाद सीधे पीएचडी कर सकते है । M.Phill करने की जरुरत नही होगी ।

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 pdf

अगर आप विस्तार रूप में नई शिक्षा नीति 2020 को इन हिंदी या इंग्लैंड में पढ़ना चाहते है तो पीडीएफ का लिंक नीचे दिया गया है ।

नई शिक्षा नीति 2020 इन हिंदी pdfClick Here
[ English ] New National Education Policy2020 PdfClick here
National education policy 2020 pdf download

FAQ

नई शिक्षा नीति कितने सालों बाद लाई गई है ?

34 सालों के बाद

वर्ष 2021 -22 से राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने वाला देश का पहला राज्य कौन बन गया है ?

कर्नाटक

नई शिक्षा नीति का उद्देश्य क्या है ?

अपने विषय का चुनाव करने की आजादी मिलेंगी ।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments