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Work , Power and Energy

 

Work (कार्य) क्या है?

Work तब होता है जब कोई बल (Force) किसी वस्तु पर लगाया जाता है और वह वस्तु बल की दिशा में विस्थापित होती है।

Work का सूत्र:

W=F⋅d⋅cos⁡θW = F \cdot d \cdot \cos\thetaW=F⋅d⋅cosθ

जहाँ,

  • W = Work (कार्य)
  • F = Applied Force (लागू बल)
  • d = Displacement (विस्थापन)
  • θ = बल और विस्थापन के बीच कोण

कार्य का अर्थ किसी क्रिया के संपादन से होता है ।

जैसे – हल चलाना, लकड़ी काटना, पढना इत्यादि ।

बल लगाकर किसी वस्तु को बल की दिशा में विस्थापित करने की क्रिया को ही कार्य कहते है ।

 

कार्य , बल तथा विस्थापन का अदिश गुणनफल होता है ।

W = F . S

कार्य का s. i मात्रक = Joule (J) = N-m = kg ms^2

कार्य एक अदिश राशि होती है ।

Example

अगर किसी दीवार पर धक्का लगाते हैं, तो किया गया कार्य शून्य होता है क्योंकि विस्थापन शून्य होती है ।
अगर कोई व्यक्ति 10kg का बोझ लेकर कई वर्षों तक भी खड़ा रहता है , तो किया गया कार्य शून्य होता है । क्योंकि विस्थापन शून्य होता है ।
कोई व्यक्ति सीढ़ी पर चढ़ा और चढ़कर उत्तर गया तो किये गये कार्य का म
किया गया कार्य धनात्मक , ऋणात्मक तथा शून्य हो सकता है ।
Note ::.. प्रश्न में कार्य शून्य उसी का होता जहाँ बल और विस्थापन के बीच का कोण मूलतः 90° हो ।

उठा कर रखने में किया गया कार्य शून्य होता है ।

शक्ति (Power)

कार्य करने की दर को शक्ति कहते है ।
शक्ति का S.I मात्रक = watt (W)

शक्ति का व्यवहारिक / मात्रक अश्व शक्ति (Horse power ) है ।
1H.P = 746 watt

शक्ति का औद्योगिक मात्रक अश्व शक्ति ( H.P) है ।

जेनरेटर या मोटर की शक्ति को H.P में व्यक्त किया जाता है ।

अधिक क्षमता वाले जेनरेटर या ट्रांसफॉर्मर की शक्ति को कोलोवाट (kw) में व्यक्त किया जाता है ।

 

ऊर्जा ( Energy )

कार्य करने की क्षमता को ऊर्जा कहते हैं ।

सभी प्रकार की ऊर्जा का S.I मात्रक जूल और C.G.S मात्रक अर्ग हैं ।

सभी प्रकार की उर्जा अदिश राशि होती है ।

यांत्रिक ऊर्जा दो प्रकार की होती है ।

गतिज ऊर्जा
स्थितिज ऊर्जा

गतिज ऊर्जा + स्थितिज ऊर्जा = यांत्रिक ऊर्जा

गतिज ऊर्जा (Kinetic Energy )

गति करने वाली वस्तु में गतिज ऊर्जा होती है ।

जब गतिज ऊर्जा समान हो संवेग तो वो होगा जो होना चाहिए , समान नही रहने पर उल्टा होगा ।

दो अलग अलग द्रव्यमान की वस्तु का अगर संवेग स्थिर हो तो गतिज ऊर्जा हल्के वाले का अधिक होगा ।

द्रव्यमान ऊर्जा (Mass Energy)

प्रत्येक द्रव्य में उसके द्रव्यमान के कारण उसमें ऊर्जा संचित होती है , जिसे द्रव्यमान ऊर्जा कहते हैं ।

नाभिकीय उर्जा या परमाणु ऊर्जा द्रव्यमान ऊर्जा से ही प्राप्त होती हैं ।

 

स्थितिज ऊर्जा ( Potential Energy)

किसी वस्तु की स्थिति के कारण जो कार्य की क्षमता होती है उसे स्थितिज ऊर्जा कहते है ।

 

 

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Work, Energy और Power के बीच संबंध

अवधारणापरिभाषासूत्रइकाई
Workबल द्वारा विस्थापनW=Fdcos⁡θW = Fd\cos\thetaJoule
Energyकार्य करने की क्षमताKE=12mv2KE = \frac{1}{2}mv^2, PE=mghPE = mghJoule
Powerकार्य करने की दरP=W/tP = W/tWatt
Negative Work क्या होता है?

जब बल की दिशा और विस्थापन की दिशा विपरीत होती है, तब कार्य ऋणात्मक (Negative Work) होता है।

ऊर्जा के कौन-कौन से रूप होते हैं?

ऊर्जा के मुख्य रूप हैं – गतिज ऊर्जा, स्थितिज ऊर्जा, तापीय ऊर्जा, रासायनिक ऊर्जा, विद्युत ऊर्जा और परमाणु ऊर्जा।

Power और Energy में क्या अंतर है?

Energy: कुल कार्य की क्षमता
Power: वह दर जिससे कार्य होता है या ऊर्जा का रूपांतरण होता है

Work, Energy और Power विज्ञान की नींव हैं। इनकी परिभाषा, सूत्र और उपयोग समझना जरूरी है, खासकर अगर आप बोर्ड परीक्षा या प्रतियोगी परीक्षा (जैसे SSC, NEET, JEE) की तैयारी कर रहे हैं। इस लेख को पढ़कर आप इन विषयों की पूरी समझ हासिल कर सकते हैं।

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