Homephysics notesन्यूटन का गुरुत्वाकर्षण नियम क्या है । इसका उपयोग कहा किया जाता...

न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण नियम क्या है । इसका उपयोग कहा किया जाता है ।

न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण नियम :- गुरुत्वाकर्षण कमजोर अथवा छीन मौलिक बल है जो ब्रह्मांड में प्रत्येक कन्हैया पिंड के बीच उनके धर्म मान के कारण लगता है ।

इस नियम के अनुसार, गुरुत्वाकर्षण का फलक वस्तुओं के भार के साथ सीधे प्रोपोर्शनल होता है। इसका मतलब है कि जब दो वस्तुएं दोगुनी भार वाली होती हैं, तो गुरुत्वाकर्षण का फलक भी दोगुना होता है। इसके अलावा, जब वस्तुओं के बीच का फ़ासला घटता है, तो गुरुत्वाकर्षण का फलक भी बढ़ता है। इसका मतलब है कि वस्तुओं के बीच एक दूसरे के करीब जाने से उनके बीच उत्पन्न होने वाला गुरुत्वाकर्षण भी ज्यादा होता है।

न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण नियम

अगर दो अलग-अलग धर्म की वस्तु का निर्माण m1, M2 हो और एक दूसरे से और दूरी पर हो तो के बीच लगने वाला बल उनके निर्माण के गुणनफल के समानुपाती तथा उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होती है ।

किसी वस्तु पर लगाए गए गुरुत्वाकर्षण बल को वजन कहते हैं ।

G की खोज henry Cavendis ने किया और इसका नाम भी सर्वप्रथम उन्होंने ही ज्ञात किया न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण नियम पूरे ब्रह्मांड में मान्य है ।

दो अलग-अलग द्रव्यमान की वस्तु के द्रव्यमान को अगर दोगुना कर दिया जाए और बीच की दूरी को आधा कर दिया जाए तो उनके बीच लगने वाला बल कितना गुना बढ़ जाएगा

हो गया मतलब 16 गुना
बढ़ गया मतलब 15 गुना

गुरुत्वाकर्षण बल g
किसी भी दो वस्तु के बीच लगने वाला बल गुरुत्वाकर्षण बल कहलाता है

G को सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक कहते हैं।
इसका मान पूरे ब्रह्मांड में नहीं बदलता

इसका मान हर जगह नियत रहता है ।

गुरुत्व बल
दो वस्तु में एक वस्तु पृथ्वी पर है तब गुरुत्व बल लगता है ।
g को गुरुत्वीय त्वरण कहते हैं जी का मान 9 पॉइंट 8 मीटर पर सेकंड स्क्वायर होता है ।

पृथ्वी की सतह पर जी का मान 9 पॉइंट 8 मीटर पर सेकंड स्क्वायर तथा अलग-अलग जगह पर अलग-अलग होता है ।

नोट :-

  • गुरुत्वाकर्षण बल सबसे कमजोर बल है ।
  • दो द्रव्यमान युक्त वस्तु के बीच में गुरुत्वाकर्षण बल का लगना अनिवार्य है ।
  • गुरुत्वाकर्षण बल केवल आकर्षण बल है।
  • गुरुत्वीय त्वरण का मान फेंके जाने वाले वस्तु के द्रव्यमान पर निर्भर नहीं करता है ।

गुरुत्वाकर्षण बल का महत्वपूर्ण तथ्य :

  • अगर दो अलग-अलग द्रव्यमान की वस्तु को गिराया जाता है तो दोनों एक साथ गिरेगा ।
  • निर्वात में अलग-अलग द्रव्यमान की वस्तु को गिराने पर दोनों एक साथ गिरेगा ।
  • हवा में अलग-अलग द्रव्यमान की वस्तु को गिराने पर भारी वाला पहले गिरेगा ।
  • अगर कोई ट्रेन एक समान वेग से गतिशील है और उसमे बैठा व्यक्ति किसी सिक्के को उछालता है तो वह सिक्का उसके हाथों में गिरेगा ।अगर ट्रेन त्वरण के साथ आगे बढ़ेगा तो सिक्का व्यक्ति के पीछे गिरेगा ।
  • नीचे से ऊपर फेंकने पर उच्चतम बिंदु पर वेग सुन होता है तथा गुरुत्वीय त्वरण 10 मीटर प्रति सेकंड स्क्वायर होता है ।
  • अगर कोई वस्तु किसी ग्रह के चारों ओर चक्कर लगाता है तो किया गया कार्य सुन होता है क्योंकि विस्थापन सुन होता है ।

Q : – अगर किसी ग्रह के द्रव्यमान को स्थिर रखते हुए ग्रह की त्रिज्या में 2% की वृद्धि कर दी जाए तो गुरुत्वीय त्वरण के मान में कितने प्रतिशत का बदलाव होगा ?
Ans :- 4% कमी

g के मान में परिवर्तन

Case1 पृथ्वी की सतह से ऊंचाई के कारण अगर ग्रह का द्रव्यमान एवं है त्रिज्या और है तथा ग्रह के सतह से एच उचाई पर एवं धर्म के वस्तु है तो एक ऊंचाई पर गुरुत्वीय त्वरण का मान

पृथ्वी की सतह से ऊंचाई बढ़ने पर गुरुत्वीय त्वरण का मान घटता है ।

पृथ्वी के सतह गहराई के कारण


अगर m द्रव्यमान की वस्तु पृथ्वी की सतह से d गहराई नीचे हो तो गुरुत्वीय त्वरण का मान

पृथ्वी सतह से दोहराई बढ़ने के कारण गुरुत्वीय त्वरण का मान घटता है ।

पृथ्वी के केंद्र पर गुरुत्वीय त्वरण का मान शून्य होता है ।

पृथ्वी के घूर्णन गति के कारण

पृथ्वी के घूर्णन गति के कई कारण हैं ।

  • गुरुत्वाकर्षण: पृथ्वी के घूमने का मुख्य कारण गुरुत्वाकर्षण है। गुरुत्वाकर्षण बल धरती को सूर्य की ओर खींचता है, जो उसे अपने चक्रवात से घुमाता है।
  • पृथ्वी के रूप में असंतुलन: पृथ्वी का घूमना उसके असंतुलित आकार के कारण होता है। दुनिया का उत्तरी गोलार्ध मध्य तक फैला हुआ है, जबकि दक्षिणी गोलार्ध संकुचित हुआ है। इस असंतुलन के कारण, पृथ्वी घुमती है।
  • समुद्रों का असर:- समुद्रों का भी पृथ्वी के घुमने पर बड़ा असर होता है। समुद्रों के पानी के चलन के कारण, पृथ्वी की घूमने की गति में थोड़ी बदलाव होता है।
  • इन सभी कारणों के संयोजन से पृथ्वी का घूमना होता है।

ध्रुव पर गुरुत्वीय त्वरण का मान विषुवत रेखा की तुलना में अधिक होता है । विश्वत रेखा से ध्रुव की ओर जाने पर गुरुत्वीय त्वरण का मान बढ़ेगा । ध्रुव से विषुवत रेखा की ओर जाने पर गुरुत्वीय त्वरण का मान घटेगा ।

पृथ्वी की घूर्णन गति बढ़ा देने या घटा देने से ध्रुव पर गुरुत्वीय त्वरण का मान नहीं बदलता है ।

पृथ्वी की घूर्णन गति बढ़ाने से विषुवत रेखा पर गुरुत्वीय त्वरण का मान रखता है तथा 17 गुना से अधिक कर देने पर सुन हो जाता है ।

पृथ्वी की घूर्णन गति कम करने पर गुरुत्वीय त्वरण का मान विषुवत रेखा पर गुरुत्वीय त्वरण का मान के समान हो जाएगा ।

द्रव्यमान और भार में अंतर

द्रव्यमानभार
द्रव्यमान का मान पूरे ब्रह्मांड में कहीं नहीं बदलता है ।
भार w = mg
इस का एस आई मात्रक केजी (kg) होता है।भार का मान अलग-अलग जगह पर अलग-अलग होता है क्योंकि जी(g ) का मान अलग-अलग जगह पर अलग-अलग होता है ।
द्रव्यमान अदिश राशि है ।भार का एसआई (SI) मात्रक न्यूटन या केजी मीटर पर सेकंड स्क्वायर है

पलायन वेग क्या है ?

वेग वह वे है जिससे किसी वस्तु को फेंकने पर वह वस्तु वापस लौट कर नहीं आती है ।

पलायन वेग का मान फेंके जाने वाले वस्तु के द्रव्यमान पर निर्भर नहीं करता है और ना ही प्रक्षेपण कौण पर निर्भर करता है ।

पृथ्वी पर पलायन वेग का मान 11. 2 किलो मीटर पर सेकंड होता है ।
चंद्रमा पर पलायन वेग का मान 2.35 किलोमीटर और सेकंड होता है।
सूर्य पर पलायन वेग 42 किलो मीटर पर सेकंड होता है।
चंद्रमा पर उतरने वाले अंतरिक्ष यात्री अपने पीठ पर बोझा बांधकर उतरते हैं क्योंकि पृथ्वी की तुलना में चंद्रमा पर पलायन वेग का मान कम होता है।

न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण नियम का उपयोग

गुरुत्वाकर्षण का नियम बहुत सारे उपयोगों में इस्तेमाल होता है। यह नियम नहीं सिर्फ ग्रहों के आपसी आकर्षण को समझने में मदद करता है, बल्कि उससे उत्पन्न होने वाली बलों को भी निर्धारित करने में उपयोगी होता है। इस नियम को संख्यात इंजीनियरिंग और औद्योगिक उपयोगों में भी उपयोग किया जाता है, जैसे कि उड़ानभर्ती, उपग्रह अनुसंधान, सामान्य भौतिकी इत्यादि।

प्रोजेक्टाइल मोशन क्या है
RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments