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अभिरुचि का परिभाषा , अर्थ ( कार्यात्मक अर्थ , संरचनात्मक अर्थ ) , मापन

अभिरुचि का परिभाषा

अभिरुचि एक ऐसा पद है जिसका प्रयोग पर आराम से ही मनोवैज्ञानिकों द्वारा ढीले ढाले तौर पर में किया जाता रहा है ।

प्रारंभ में इस पद का प्रयोग ज्ञान , जिज्ञासा , प्रेरणा इच्छा आदि जैसे शब्दों को समानांतर किया जाता था । परंतु 1940 ईस्वी के बाद मनोवैज्ञानिकों ने विशेषकर शिक्षा मनोवैज्ञानिकों ने इस पद का प्रयोग इतना व्यापक और ढीले ढाले अर्थ में करना अच्छा नहीं समझा ।

ड्रीवर तथा वालर स्टीन ( 1984 ) के अनुसार अभिरुचि पद का प्रयोग आजकल समान तौर पर दो अर्थो में होता है ।

  1. कार्यात्मक अर्थ
  2. संरचनात्मक अर्थ

कार्यात्मक अर्थ ( Functional Mean )

कार्यात्मक अर्थ में अभिरुचि से तात्पर्य ऐसे भाव की अनुभूति से होता है जिसे सार्थक अनुभूति कहा जाता है तथा जो किसी वस्तु पर दिए जाने वाले अध्ययन या कोई किए जाने वाले कार्य से संबंधित होता है ।

Note

किसी अन्य कार्य की तुलना में एक कार को पसंद करना ही अभिरुचि कहलाता है .।

संरचनात्मक अर्थ ( Structural Mean )

संरचनात्मक अर्थ में अभिरुचि से तात्पर्य व्यक्ति के व्यक्तित्व ( Personality ) एक ऐसे अर्जित या जन्मजात तत्व से होता है । जिसके कारण उसमें किसी वस्तु के प्रति एक सार्थक अनुभूति उत्पन्न होती है ।

अभिरुचि का प्रयोग चाहे कार्यात्मक अर्थ में या संरचनात्मक अर्थ में हो , अभिरुचि में व्यक्ति , वस्तुओं या क्रियाओं का चयन करके उसे पसंद नापसंद बीमा ( demenation ) में कोटि बंद करता है । अतः उसे कोई वस्तु या क्रिया अन्य वस्तु या क्रिया से अधिक पसंद या कम पसंद होती है ।

अभिरुचि का मापन

बालकों की अभिरुचि के मापन के तरीके निम्नलिखित हैं ।

शिक्षक निर्मित प्रविधियां (Teacher made technique )

. छात्रों की अभिरुचि यों को मापने की कुछ ऐसी प्रविधियां हैं जिन्हें शिक्षकों द्वारा विशेष उद्देश्य बनाया जाता है ।

अक्सर इसका प्रयोग शैक्षिक कार्यक्रम के मूल्यांकन के लिए करते हैं इसके अंतर्गत कुछ प्रमुख प्रविधि है ।

चिन्हाकन सूचि (Check list )

छात्रों की अभिरुचि मापने के लिए यह एक सरलतम प्रविधि है । चिन्हाकन सूचि में शिक्षक विभिन्न शैक्षिक कियाओं की एक सूचि तैयार करते है । और छात्रों को उस सूची को इस निवेदन के साथ दे दिया जाता है , जिन शैक्षिक क्रियाओं में उनकी अभिरुचि हो , एवं उनमें सही का चिन्ह ( p) का लगा दे । इससे शिक्षकों को छात्रोकी सभी प्रमुख अभिरुचियों का कम समय में ही अच्छा ज्ञान हो जाता है ।

श्रेणी क्रम(Ranking )

. इस विधि में शिक्षक विभिन्न तरह की शैक्षिक क्रियाओं को एक सूची तैयार करते हैं जो छात्रों को इस निवेदन के साथ दिया जाता है कि वह इन क्रियाओं को अपनी अभिरुचि के क्रम में श्रेणी क्रम कर दे । फर्स्ट ( 1st) की कोटी रैंक उस क्रिया को दे । जिनमें उनकी अभिरुचि सबसे अधिक है , उससे कम पसंद या अभिरुचि वाली क्रिया को सेकंड की कोठी में दें और इसी तरह सबसे अंतिम कोटि उन्हें दे जिनकी अभिरुचि सबसे कम हो ।

इस तरह श्रेणी क्रम कर देने से किसी छात्र विशेष की अभिरुचि का तो पता चलता ही है साथ ही साथ पूरी कक्षा के मापन का भी मूल्यांकन आसानी से हो पाता है

श्रेणी क्रमशिक्षाकलासंगीतखेलनाटक
X2 1345
Y12345
Z1 2453

रेटिंग मापनी ( Rating Scale )

इस मापनी में प्रत्येक क्रिया पर छात्र अपनी पसंदगी की की एवं नापसंदगी की मात्रा को दी गई मापनी के बिंदुओं में से किसी एक पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते है। जैसे छात्र को निम्नांकित क्रियाओं पर अपनी प्रतिक्रिया दिए गए पांच विषयों में से किसी एक विंदू पर व्यक्त करके करने के लिए कहा जाता है ।

रेटिंग स्केल12345
संगीतअत्यधिक पसंदपसंदतटस्थनापसंदअत्यधिक नापसंद
उपन्यास पढनाअत्यधिक पसंदतटस्थपसंदनापसंदअत्यधिक नापसंद
कक्षाओं में साथियों
की चिढ़ाना
अत्यधिक नापसंदनापसंदतटस्थपसंदअत्यधिक पसंद
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